एक पोस्ट लिख देने से, नया हक मिल जायेग॥
गुमनाम बंदे की किस्मत,उसे नाम मिल जायेगा॥
अब तो जान गये हो,क्या चमन खिल जायेगा।
ज्यादा लिख देंगे तो, सारा जहां हिल जायेगा॥
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बकं गौरि नारायणि नमस्तुते॥
शुभ नवरात्रे।
ज्यादा ही लिखिए । स्वागत है ।
ReplyDeleteआपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है. आपके नियमित लेखन के लिए अनेक शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteएक निवेदन:
कृप्या वर्ड वेरीफीकेशन हटा लें ताकि टिप्पणी देने में सहूलियत हो. मात्र एक निवेदन है.
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
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ब्लॉग जगत में स्वागत हैं आपका.........आपको हमारी शुभकामनायें
ReplyDeleteसतत लेखन के लिए बधाई
चिटठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. सार्थक लेखन के लिए शुभकामनाएं. जारे रहें.
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Till 25-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!
अजी, इतने से क्या होता है आप तो खूब लिखिए......
ReplyDeleteतो किसी और की सन्तुष्टि के लिए ब्लॉग खोलना पड़ा आपको?
ReplyDeleteअब खोल ही लिया है तो कुछ सकारात्मक लिख डालिए। स्पष्टवादी होना अच्छा है, लेकिन छिद्रान्वेषी होना उतना अच्छा नहीं।
अन्धकार को क्यों धिक्कारें, नन्हा सा एक दीप जलाएं।
swagat hai aapka blog ki duniya me....sath hi navratree ki hardik subhkamnaye
ReplyDeleteचलिये तूफान मचाइये अपने लेखन से, आपका स्वागत है चिट्ठाजगत में...समीर जी का निवेदन सभी का निवेदन समझें
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ReplyDeleteगुटनिरपेक्ष सि.शँ.त्रिपाठी जी को शँका निवारण आहुति दिये बिना हक़ आप कैसे जता रहे हैं, भला ?
चलिये तूफान मचाइये अपने लेखन से, आपका स्वागत है
ReplyDeletenice
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