Friday, April 9, 2010

छत्तीसगढ़ वालो जी, यूँ न बिखरो।

कुछ लोग अपनी ताकत के कारण या ताकत बढ़ा कर ताकतवर होते हैं और कुछ लोग दूसरों को कमजोर कर, फूट डाल कर कमजोर बना कर अपनी ताकत को बढ़ाते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरुरत है. खुद को कमजोर मत होने दो वरना वो कमजोर तुमसे ताकतवर दिखने लगेगा. उसे पहचानों और आपस में मिलजुल कर चलो और उसे करारा जबाब दो.

आजकल ब्लोग पर कम आ रहा हूँ मगर नजर सब तरफ है और सारी बातें समझ रहा हूँ. मैं अपनी पूरी ताकत लगा दूँगा मगर उस गन्दें आदमी की साजिशें कामयाब नहीं होने दूँगा.

उसने आप भाईयों में फूट डाली है, मेरा दावा है कि वो चैन से नहीं रह पायेगा. उसके परिवार में फूट पड़ेगी.

2 comments:

  1. कुछ ऐसा हुआ है जिससे ललित जी के मन को ठेस पहुंची है। मैं भी अचंभित हूँ। पृष्ठभूमि में जो कुछ हुआ, उनकी जगह मैं होता तो शायद यही निर्णय लेता।

    फिर भी एक आग्रह है उनसे कि विशिष्ठ शैली वाला अपना लेखन जारी रखते हुए दुगुनी ऊर्जा के साथ नई परिकल्पना में लग जाएँ।

    ऑर्कूट पर मैंने लिख रखा है- जब आप समझते हैं कि सब कुछ खतम हो गया, दरअसल शुरूआत तभी होती है।

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  2. नेट के सम्बन्ध!
    एक क्लिक में शुरू
    एक केलिक में बन्द!

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