क्या आपने लोगों को मूर्ख समझ रखा है. प्रश्न उठाया था तो निष्कर्ष आने तक रुकना था, क्यूँ प्रवीण पाण्डे की अतिथि पोस्ट की आड़ में दुम दबा कर छिप गये?
क्या हुआ आपकी इस पोस्ट का निष्कर्ष?
कौन बेहतर ब्लॉगर है शुक्ल या लाल?
छिपने की कोसिश बेकार है. हम चुप नहीं रहेंगे जब तक आप निष्कर्ष नहीं लाते. क्या बेवजह प्रश्न उछालते हो जो जबाब के इन्तजार की जरुरत नहीं. क्या सिर्फ हंगामा खड़ा करना मकसद था या कि लोगों की बदनामी करवाना.
सरकारी अधिकारी की ठसक से बाज आओ. जरुरी नहीं कि हर जगह लोग तुम्हारी जी हजुरी करें.
तुम्हारा मकसद सब समझ रहे हैं कि दो लोगों के बीच विवाद करा कर खुद नम्बर एक पर आ जाओ. अंग्रेज बनते हो अंग्रेजी लिख कर और वो ही चालें खेलते हो कि फूट डालो और राज करो.
शर्म आती है आप जैसे लोग सरकार में रह कर उच्च पदासीन है. आपकी सोच को धिक्कार है जो शांति नहीं बने रहने को कार्यरत हैं.
पाण्डे जी खुद सब को जवाब देंगें ब्लागों पे जाकर
ReplyDeleteमेरे खयाल से एक बाबू को लगा के जवाब लिखवाएंगें
दो गले लोग हैं. इनके बारे में कुछ कहना समय खराब करना है.
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